पहली व्यावसायिक रूप से स्वचालित सेलुलर नेटवर्क (1 जी जेनरेटर) का प्रारंभ, जापान में निप्पॉन टेलीग्राफ और टेलीफोन (एनटीटी) द्वारा 1979 में शुरू किया गया था। शुरू में टोक्यो के महानगरीय क्षेत्र में पांच वर्षों के भीतर, जापान की संपूर्ण जनसंख्या को कवर करने के लिए एनटीटी नेटवर्क का विस्तार किया गया और यह पहला राष्ट्रव्यापी 1 जी नेटवर्क बन गया।
1. 1जी नेटवर्क- यह 1980 के दसक में प्रारंभ किया गया जो, की यह एनालॉग सिग्नल पे work करता था,उस समय मे डिजिटल सिग्नल नही हुआ करते थे इसका मतलब ये केवल voice calling के लिए ही उपयोग में आते थे इस नेटवर्क में sms नही भेजा जा सकता था।
2. 2जी नेटवर्क- 1जी नेटवर्क के ठीक 10 साल बाद इसका खोज हुआ,इस नेटवर्क के दौरान हम sms भेज पाते थे और इसी नेटवर्क में ही इंटरनेट की सुरुवात हुई इस नेटवर्क में डेटा speed 64केबीपीएस के आसपास थी जो कि बहुत कम थी।
इसके बाद 2.5जी launch किया गया जो कि थोड़ी फ़ास्ट स्पीड थी जो कि computer में browsing करने में आसानी होती थी ,फिर करीब 5साल बाद 2.75जी आया जो कि EDGE नेटवर्क पर कार्य करता था इसकी स्पीड 128केबीपीएस के लगभग थी।
3.3जी नेटवर्क- इस नेटवर्क में हमे calling, sms, यूट्यूब स्ट्रीमिंग, के साथ-साथ वीडियो कॉलिंग की सुविधा मिली जो कि बहुत ही शानदार था और इस नेटवर्क की स्पीड लगभग 2000केबीपीएस थी।
4.4जी नेटवर्क- इस नेटवर्क की सुरुवात 2008-09 में हुई जो कि बहुत ही अद्भुत है इसे 4जी
LTE(LONG TERM EVALUTION) भी कहते है। ये ip based प्रोटोकॉल है, इस नेटवर्क से काफी मदद मिली जिससे आज पूरा भारत देश डिजिटल हो पाया हैं।
आने वाले समय में 5जी ,6जी नेटवर्क आने है जो कि हमारे लिए लाभप्रद होगा।
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