Friday 23 March 2018

Snickometer और Hotspot क्या है? जाने Cricket में इस्तेमाल होने वाली Technology के बारे मे##

नमस्कार दोस्तों,

जैसा कि आप सभी को क्रिकेट खेलना और देखना काफी पसंद होगा तो आज की इस पोस्ट में हम आपको Cricket में उपयोग होने वाली Technology के बारे में विस्तार से बतायेंगे। आप टीवी पर क्रिकेट मैच देखते होंगे। तो आप सभीने Snickometer और Hotspot का output टीवी पर देखा होगा। तो अब आपको यह प्रश्न होगा की ये Snickometer क्या है? Hotspot क्या है? यह Technology काम कैसे करती है? और ऐसी बहोत सारी Technology है जो Cricket में इस्तेमाल होती है। तो चलिए जानते है की Cricket के मैदान में कौन कौन सी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है?


Cricket में बेहतर रिजल्ट के लिये ICC ने बहोत सारी technology का इस्तमाल अनिवार्य कर दिया है। जिसमे सबसे बड़ा बदलाव DRS है आप सबने DRS के बारे में जरुर से सुना होगा। DRS का मतलब Decision Review System है जिसे UDRS भी केहते है।

DRS में मुख्य रूप से तीन technology का उपयोग होता है। इसके आधार पर ही third umpire यह तय करता है की Batsman Out है की नहीं। यह technology तीसरे अंपायर को Screen पर पूरी तस्वीर दिखाता है जिसे वह रीप्ले में बार-बार देख कर जान सकता है की आखिर ऑन फील्ड अंपायर का फैसला सही है या नहीं।
तो इस तराह Umpire डीआरएस का इस्तमाल करके सही फैसला दे सकता है।

तो चलिए अब जानते है इसमे इस्तमाल होने वाली Technology के बारे में।

Snickometer क्या है ?

Snickometer का इस्तमाल Ball और Bat के बिच में संपर्क हुवा है की नहीं यह जानने के लिए किया जाता है। इसमें Microphone के द्वारा यह तय किया जाता है कि आखिर गेंद बल्ले के किनारे से टकराया है या नहीं। Snickometer का प्रयोग करके गेंद की हरकत के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है।


इस technology का इस्तेमाल उस समय पर बहुत अच्छा होता है जब गेंद बल्ले के बहुत पास होती है. गेंद ने बल्ले को छुआ है या नहीं इस बात का पता Snickometer से लगा सकते है। इसके लिए stumps में एक Microphone लगा होता है जो noice को रिकॉर्ड करता है। ऐसे में जब गेंद बल्ले से टकरायेगी की तो अलग आवाज आएगी और गेंद शरीर और पैड से टकरायेगी तो अलग आवाज आएगी। जिसे आप Snickometer पर spike के द्वारा देख सकते है।

Hotspot क्या है ?

Hotspot में दो Infra-red कैमरा का इस्तमाल होता है। जो अपको दिखाता है ब्लैक एंड वाइट में की गेंद है उसने कहा कहा पर संपर्क बनाया है जैसे की क्या उसने बल्ले को टच किया? याफिर क्या उसने पैड को टच किया या शरीर को छुवा? और उस जगह पर वाइट स्पॉट बन जाता है।


इसमे यह होता है की जब भी गेंद बल्ले और किसी अन्य पार्ट से टकराता है तो वहा पर हीट generate होगी और जब हीट बनेगी तो उस spot का तापमान भी बढेगा और वह पुरे शरीर के तापमान से अलग होगा जिससे वो Infra-red कैमरा की पकड़ में आ जाता है और हमे पता चल जाता है की गेंद ने बल्ले को छुवा है की नहीं।

यह technology LBW और catch के करीबी मामलों में तस्वीर साफ करता है। इस तकनीक में बल्लेबाज की पूरी तस्वीर काली हो जाती है और जहां गेंद टकराती है वह हिस्सा सफेद हो जाता है। जिससे अंपायर एकदम सही result पता लगा सकते है।

इसके अलावा क्रिकेट में बहोत सारी technology का इस्तेमाल होता है जिसके बारे में हम यहाँ पर विस्तार से बतायेंगे।

Stump Camera टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल स्टम्प में कैमरा लगा के किया जाता है। इस कैमरे को Middle Stump में लगाया जाता है. इस technology से run out के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है।

PitchVision इस technology से bowler और batsman दोनों पर नजर रखी जाती है। इस तकनीक से bowler के good length और short के बारे में पता लगाया जाता है। इस तकनीक से bowler और batsman की कमजोरी का भी पता लगाया जा सकता है।

Ball Spin RPM इस technology का इस्तेमाल गेंद को कितना turn किया गया है इसके लिए किया जाता है। बॉल को कितनी speed के साथ फेंका गया है। बॉल की rotation स्पीड को टीवी screen पर देखा जा सकता है।

Spidercam इस technology में स्पाइडर और Drone कैमरे का इस्तेमाल किया गया है. इस कैमरे से आप Top angle shorts अच्छे से देख सकते है।

तो दोस्तों उम्मीद करता हु की आपको Snickometer और Hotspot क्या है? इसकी पूरी जानकारी मिली होगी और आप येभी जान गये होंगे की Cricket में कौन कौन सी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है?

अगर आपको इसके बारे में कोई भी सवाल हो तो आप निचे comment कर सकते है। हम आपको इसी तरह की नयी जानकारी देते रहेंगे और अगर आप इसी तरह की जानकारी अपने ईमेल पर पाना चाहते है तो हमारी वेबसाइट को आज ही subscribe करले।

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